Friday, October 14, 2011

अर्ज है.....

पत्थरसे वफ़ा बूतसे सदा मांग रहा हू
क्या आज मै सहरासे घटा मांग रहा हू
मुद्दतसे कोई दिलको दुखाने नही आया
आ जाओ कोई जख्म नया मांग रहा हू

(From the internet)

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