Monday, April 18, 2011

There is one song that I keep listening to on my newly purchased portable player. It's from the 80s movie "कुदरत". The lines go like this:

दुखसुखकी हरएक माला कुदरतही पिरोती है
हाथोकी लकीरोमे ये जागती सोती है
सामना करे जो इसका, किसमे ये दम है यहा
इसका खिलौना बनके, हम सब जिते है यहा
जिस राहसे हम गुजरे ये सामने होती है

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