This one came in an SMS. Needless to say, it sounds so right when our politicians are busy attacking each other while China is causing trouble at the border.
कभी नोटोकें लिये मर गये, कभी व्होटोकें लिये मर गये
कभी जातपात कें नामपे मर गये, कभी आपसमे दो गज जमीनकें लिये मर गये
होते आज वीर भगत सिंग तो कहते
'यार सुखदेव, हम भी किन कमिनोके लिये मर गये'
कभी नोटोकें लिये मर गये, कभी व्होटोकें लिये मर गये
कभी जातपात कें नामपे मर गये, कभी आपसमे दो गज जमीनकें लिये मर गये
होते आज वीर भगत सिंग तो कहते
'यार सुखदेव, हम भी किन कमिनोके लिये मर गये'
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