Thursday, August 11, 2011

अर्ज है.....

मंझील न रही कोई ठिकानाभी नही है
वापस मुझे घर लौटकर जानाभी नही है
मैनेही सिखाई थी जिसे तीरअंदाजी
अब मेरे सिवा उसका कोई निशानाभी नही है

(From the internet)

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