Thursday, November 18, 2010

जिन्दगीका मुकद्दर सफ़र दर सफ़र
आखरी साँस तक बेकरार आदमी
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी
फिरभी तनहाईयोँका शिकार आदमी

--- निदा फाजली

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