Sunday, December 15, 2013

ये जीवनके रास्ते, जीवनसे लम्बे है बंधू

I came across a few lines of a song from the 1968 movie Aashirwad in an article. Intrigued, I looked for the lyrics online. Here they are:

जीवनसे लम्बे है बंधू, ये जीवनके रास्ते
एक पल थमके रोना होगा, एक पल चलना हसके
ये  जीवनके रास्ते, जीवनसे लम्बे है बंधू


राहोंसे राही का रिश्ता कितने जनम पुराना
एक को चलते रहना आगे, एक को पीछे आना
मोडपे मत रुक जाना बंधू, दो राहोमें फंसके
ये  जीवनके रास्ते, जीवनसे लम्बे है बंधू

 दिन और रातके हाथो नापी, नापी एक उमरिया
सांस कि डोरी छोटी पड़ गयी, लम्बी आस डगरीया
भोर के मांझीवाले उठकर भोरसे पहले चलते
ये  जीवनके रास्ते, जीवनसे लम्बे है बंधू

As per the information on the net, the song is penned by the late Harindranath Chattopadhyaya and Gulzar. Hats off to both of them!

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