Thursday, September 23, 2010

I got the following SMS from a friend today morning:

२४ सितम्बर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का फैसला होनेवाला है। हो सकता है इस फैसले से कोई विवाद हो
अलग अलग धार्मिक पार्टीज आपको उकसाए, मंदिर या मस्जिदकी बात करे। तो एक बात याद रखना के दंगोमे मरनेवाला न हिन्दू होता है न मुसलमान। वो सिर्फ किसीका भाई, बेटा, बाप या किसीके घरका चिराग होता है। क्योंकि वो सिर्फ और सिर्फ इन्सान होता है, कोई हिन्दू या मुसलमान नहीं होता। और इसी इंसानियत के नाते इस मेसेजको जितना हो सके फैला दो।

I fully agree. Personally, I feel there should be a hospital on that site so as to avoid antagonizing either community. But whatever happens, I hope and pray that this country doesn't witness any communal riots again!

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